जब जब स्वतंत्रता का दुरुपयोग समाज के भीतर अव्यवस्था पैदा करता है , तब तब सर्वोच्च सर्वशक्तिमान का सर्वोच्च न्याय ,मानवता की सहमति से या उसके बिना, पुनः संतुलन हासिल करने का प्रयास करता है
http://taazakhabarnews.in/स्वतंत्रता-हमारा-शाश्वत/
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