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Thursday, April 2, 2015
जुर्म और जुर्माना में हो संतुलन : सर्वोच्च न्यायालय
किसी भी जुर्म के लिए सजा देने का एक सामाजिक लक्ष्य होता है। इसलिए न्यायालय के लिए यह आवश्यक है कि जुर्म के समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखे
http://taazakhabarnews.in/जुर्म-और-जुर्माना-में-हो-स/
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